आयकर गणना प्रपत्र
2015-16
आयकर के महत्वपूर्ण प्रावधान
वित्तीय वर्ष 2015-16 (निर्धारण वर्ष
2016-17)
मकान किराया रसीद हेतु
प्रपत्र

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प्रिय साथियो, सादर नमन् । आयकर
वित्तीय वर्ष 2015-16 का अंतिम त्रैमास
प्रारम्भ हो चुका है जिसमें आपको
विनियोग, आयकर छूट एवं अन्य आवश्यक
घोषणा अपने नियोक्ता को उपलब्ध
करवाकर अंतिम कर देयता निर्धारित करनी
है। लेकिन आयकर सम्बन्धी अनेक बिन्दुओं पर
आपकी जानकारी स्पष्ट नहीं होने से भ्रम
की स्थिति रहती है, इस सम्बन्ध में आपके
अनेक प्रश्न भी हमें प्राप्त हुए है। हालांकि
आयकर कानून बहुत व्यापक है, उसकी
संक्षिप्त में व्याख्या करना कठिन कार्य है
फिर भी हमारी टीम ने प्रयास किया है
कि ’’वेतन से आय’’ शीर्षक के अन्तर्गत प्रमुख
बिन्दुओं पर आपको जानकारी उपलब्ध हो
सके। हमारी टीम द्वारा सूचना प्रस्तुतीकरण
में पूर्ण सावधानी बरती है कि आपकी
प्रामाणिक जानकारी उपलब्ध करा सके,
लेकिन फिर आपको सलाह दी जाती है कि
अंतिम निर्णय अपने प्रमाणित कर सलाहकार
से राय के उपरांत ही लेवें। अन्य कोई
जानकारी हेतु आप हमें अवगत करावें।
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वित्तीय वर्ष से अभिप्राय
आयकर की गणना में वित्तीय वर्ष से
अभिप्राय 1 अप्रैल से 31 मार्च तक की
अवधि होती है, तथा इस दौरान प्राप्त आय
इस वित्तीय वर्ष की मानी जाती है। चूंकि
किसी वर्ष की आय पर आयकर का
निर्धारण वर्ष समाप्ति के पश्चात अगले वर्ष
किया जाता है अतः अगले वर्ष को कर
निर्धारण वर्ष कहा जाता है। इसलिये जिस
वर्ष में आय अर्जित की जाती है उस वर्ष को
गतवर्ष के रूप में जाना जाता है। उदाहरण के
लिये वित्तीय वर्ष 2015-16 का कर
निर्धारण वर्ष 2016-17 होगा, वर्ष 2015-16
को गतवर्ष के रूप में माना जावेगा।
सामान्यतः माह मार्च का वेतन 1 अप्रैल
को तथा आगामी वर्ष के फरवरी माह का
वेतन मार्च को प्राप्त होता है इसलिये मार्च
से आगामी वर्ष की फरवरी माह तक के वेतन
को आयकर विवरणिका में शामिल किया
जाता है। फिर भी वेतन की गणना करने के
लिये यह देखना होगा कि वेतन कब
उपार्जित हुआ है अथवा कब प्राप्त हुआ है, इन
दोनों परिस्थितियों में जो भी पहले हो के
अनुसार उसके अनुसार कर योग्य माना
जावेगा। निम्न बिन्दूओं से आप स्थिति को
अधिक स्पष्ट कर सकते है।
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वेतन एवं वेतन अवधि की विवेचना
प्राप्त वेतन
यदि गतवर्ष में कोई पिछला वेतन प्राप्त हुआ
है तथा उस पर सम्बन्धित वर्ष में उपार्जन के
आधार पर कर नहीं लग चुका है तो उस पर
प्राप्ति के आधार पर कर लगाया जावेगा।
उपार्जित वेतन
यदि गतवर्ष में उपार्जित वेतन का भुगतान
नहीं हुआ है तो उस पर गतवर्ष में ही कर
लगाया जावेगा।
एडवांस वेतन
यदि किसी कर्मचारी को नियोक्ता ने
अग्रिम वेतन दिया है तो वह प्राप्ति वाले
वर्ष में टैक्स देय होगा। उदाहरण हेतु यदि
नियोक्ता ने माह जनवरी 16 में फरवरी 16 से
जून 2016 का वेतन अग्रिम दिया हो तो ये
सम्पूर्ण आय वित्तीय वर्ष 2015-16 की
मानते हुए निर्धारण वर्ष 2015-16 में टैक्स
की गणना की जावेगी।
एरियर का भुगतान
यदि गतवर्ष में कोई एरियर प्राप्त हुआ है तो
वह भी गतवर्ष में कर योग्य होगा बशर्ते वह
राशि उपार्जित होने वाले वर्ष में पहले ही
कर योग्य न की गई हो। किन्तू एरियर पर
धारा 89 की छूट का दावा किया जा
सकता है।
बोनस, कमीशन, फीस इत्यादि
यदि कर्मचारी को अपने नियोक्ता से कोई
बोनस, कमीशन अथवा फीस प्राप्त होती है
तो वह जिस वर्ष में प्राप्त होगी वह वेतन के
अन्तर्गत ही प्राप्ति वर्ष में कर योग्य
होगी।
पेंशन
सभी राजकीय कर्मचारियों एवं गैर राजकीय
कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति के उपरांत
प्राप्त होने वाली मासिक पेंशन पूर्णतः कर
योग्य होगी। यह देय होने वाले वर्ष में कर
योग्य होगी।
अवकाश के बदले नकदीकरण
एक सरकारी कर्मचारी को राजसेवा में रहते
हुए यदि अवकाश के बदले कोई नकदीकरण
होता है तो पूर्णत कर योग्य होगा। तथा
यदि सेवानिवृत्ति पर राजकीय कर्मचारी
अवकाश के बदले नकदीकरण प्राप्त होता है
तो वह राशि पूर्णतयः कर मुक्त होगी।
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सकल वेतन की गणना
वेतन
वेतन में मूल वेतन, मंहगाई वेतन, ग्रेड-पे, अवकाश
वेतन, अग्रिम वेतन, वकाया वेतन, नवीन पेंशन
योजना में सरकार का अंशदान, बोनस,
कमीशन, फीस, विशेष वेतन, निर्वाह भत्ता
आदि सम्मिलित किये जाते है।
कर योग्य भत्ते
महंगाई भत्ता, मकान किराया भत्ता,
सीसीए, प्रतिनियुक्ति भत्ता, अंतरिम
राहत, एनपीए, नौकर भत्ता, मेडिकल भत्ता,
परियोजना भत्ता आॅवरटाईम भत्ता, वार्डन
भत्ता, टिफिन भत्ता (मकान किराया कुछ
परिस्थितियों में कर मुक्त है)
कर मुक्त भत्ते
विदेश भत्ता पूर्णतः करमुक्त होता है।
वास्तविक व्यय की सीमा तक कर मुक्त
आॅफिस कार्य हेतु आने-जाने, आॅफिस कार्य
या ट्रांसफर के लिये की गयी यात्रा,
आॅफिस के कार्य के निष्पादन हेतु हैल्पर रखने,
अनुसंधान खर्च एवं पोशाक भत्ता वास्तविक
व्यय की सीमा तक कर मुक्त होंगे।
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मकान किराया भत्ता
यदि कोई कर्मचारी स्वयं के मकान में रहता हैं
अथवा अथवा अन्य किसी के मकान में रहता
है जिसके लिये उसके द्वारा कोई भी राशि
किराये के रूप में भुगतान नहीं की जा रही है
तो मकान किराया भत्ता पूर्णतः कर योग्य
होगा। यदि कोई कर्मचारी किराये के
मकान में रह रहा है तो कर्मचारी को मकान
किराया भत्ते में निम्न में से सबसे कम राशि
की छूट दी जावेगी।
1. वर्ष के दौरान प्राप्त वास्तविक मकान
किराया भत्ता
2. वेतन के 10% से अधिक चुकाया गया
मकान किराया
3. वेतन का 40% (दिल्ली, मुम्मई, कोलकता
एवं चैन्नई के लिए वेतन का 50%)
NOTE : मकान किराये में छूट हेतु वेतन से
अभिप्राय मूल वेतन, ग्रेड पे, मंहगाई भत्ते के
याग से है।
Remarks about HRA
1. Though incurring actual expenditure on
payment of rent is a pre-requisite for
claiming deduction under section
10(13A), it has been decided as an
administrative measure that salaried
employee drawing house rent allowance
up to 3000 per month will be exempted
from production of rent receipt. It may,
however be noted that this concession is
only for purpose of Tax deduction at
source, and in the regular assessment of
the employee, the Assessing Officer will
be free make such enquiry as he deems
fit for the purpose of satisfying himself
that the employee has incurred actual
expenditure on payment of rent.
2. यदि कर्मचारी द्वारा प्रतिवर्ष 1 लाख
से अधिक मकान किराया चुकाया जाता है
तो ऐसी स्थिति में उसे मकान मालिक का
पेन संख्या नियोक्ता का उपलब्ध कराना
आवश्यक है। और यदि मकान मालिक के पास
पेन सं0 उपलब्ध नहीं है तो मकान मालिक से
इस आषय की घोषणा मय मकान मालिक के
नाम एवं पता सहित प्राप्त कर नियोक्ता
को उपलब्ध करानी होगी।
3. मकान किराये की छूट हेतु किरायानामा
की प्रति नियोक्ता का उपलब्ध कराये
जाने का कोई प्रावधान नहीं है।
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मनोरंजन भत्ता
सरकारी कर्मचारी के लिये इस भत्ता मद मंे
प्राप्त राशि को पहले सकल आय में जोडा
जावेगा तथा उसके उपरांत धारा16(।।) में छूट
के रूप में निम्न में से सबसे कम राशि को
घटाये।
1. 5000/-
2. वेतन का 20%
3. वास्तविक प्राप्त मनोरंजन भत्ता
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गृह सम्पत्ति से आय
वर्तमान प्रावधानों के अनुसार गृह सम्पत्ति
से आय शीर्षक में होने वाली आय में से निम्न
छूट उपलब्ध है।
1. वार्षिक आय के 30% के बराबर राशि
2. होम लोन पर चुकाये जाने वाले ब्याज की
राशि अधिकतम 2,00,000/- छूट योग्य
होगी।
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सकल कुल आय की गणना
सकल कुल आय की गणना करने के लिये आय के
पांचों शीर्षको वेतन, मकान सम्पत्ति,
व्यापार एवं पेशा, कैपीटल गेन एवं अन्य
स्त्रोत से आय जोडी जावेगी। सकल कुल आय
की गणना के उपरांत धारा 80C से 80U तक
की छूट करदाता को प्राप्त होगी। जिसके
उपरांत शेष राशि कर योग्य आय होगी जिस
पर करदाता को कर चुकाना होगा।
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धारा 80C की छूट
धारा 80C के अन्तर्गत अधिकतम 1.50 लाख
रूपये तक छूट उपलब्ध होगी। धारा 80C,
80CCC एवं धारा 80CCD(1) तीनों में कुल
मिलाकर अधिकतम छूट 1.50 लाख रूपये
होगी। निम्न निवेशों पर छूट प्राप्त होगी।
जीवन बीमा प्रीमियम
पाॅलिसी स्वयं के लिये, जीवनसाथी या
किसी संतान के नाम पर होनी चाहिए।
स्थगित वार्षिकी
स्वयं के लिये, जीवनसाथी या किसी संतान
के नाम पर होनी चाहिए।
कर्मचारी प्रोविडेंट फंड/जीपीएफ/
पीपीएफ
स्वयं के लिये, जीवनसाथी या किसी संतान
के नाम पर होनी चाहिए।
अन्य स्कीम
पोस्ट आॅफिस के 10/15 वर्षीय बचत खाते
राष्ट्रीय बचत पत्र
अधिकृत यूलिप
नोटिफाईड डिपाॅजिट स्कीम
नेशनल हाउसिंग स्कीम के पेंशन फंड में जमा
कराई गई राशि
एलआईसी/यूटीआई के नोटिफाई एन्यूटी
प्लान या म्यूचल फंड में योगदान
सुकन्या समृद्धि योजना
हाउसिंग फाईनेंस करने वाली पब्लिक सेक्टर
की कंपनी के डिपाॅजिट स्कीम में किया
गया योगदान
पब्लिक फाईनेंशियल संस्थान/पब्लिक कंपनी
द्वारा किये गये कैपिटल इश्यू में शेयर्स/
डिबेंचर्स लेने के लिए किया गया
सब्स्क्रिप्शन ।
आवास लोन
आवासीय सम्पत्ति के निर्माण/खरीद हेतु
लोन के मूलधन की अदायगी की किश्त या
आशिक भुगतान, वित्तीय वर्ष के अंत से 5
वर्ष के भीतर सम्पत्ति अन्य को बेच दी
जाती है तो इन वर्षो में ली गई छूट राशि पर
उस वर्ष में कर लगेगा।
ट्यूशन फीस
भारत में स्थित किसी भी स्कूल, काॅलेज,
यूनिवर्सिटी या किसी अन्य शैक्षणिक
संस्थान में दो संतानों की पढाई के लिए
प्रवेश के समय चुकाई गई केवल ट्यूशन फीस की
राशि पर छूट देय होगी, अन्य शुल्क जैसे
विकास शुल्क, परिवहन शुल्क, लैब फीस आदि
हेतु छूट देय नहीं होगी । सरक्यूलर नं. 8/2007
एवं 9/2008 के अनुसार ट्यूशन फीस की छूट
प्री-नर्सरी/नर्सरी क्लास के लिये भी
होगी। छूट अधिकतम दो संतानों हेतु देय
होगी, 2 से अधिक संतान होने की स्थिति
यदि किसी के चार बच्चे है तो 2 बच्चों की
छूट पति तथा 2 बच्चों की छूट पत्नि हेतु देय
होगी। फीस की छूट केवल उस वित्तीय वर्ष
में फीस ड्यू से प्राप्त नहीं होगी वरन् भुगतान
करने से प्राप्त होगी। यह छूट केवल
पूर्णकालीन अवधि के कोर्स हेतु देय है किसी
कोचिंग, प्राईवेट ट्यूशन या अन्य शिक्षण
संस्था को चुकाई जाने फीस छूट योग्य नहीं
है। स्वयं अथवा जीवनसाथी की की पढाई
हेतु यह छूट देय नहीं होगी।
5वर्षीय बैक सावधि जमा
करदाता केवल अपने नाम बैंक की 5 वर्षीय
सावधि जमा में निवेश कर कर छूट का लाभ ले
सकता है। लेकिन इससे प्राप्त आय ब्याज अन्य
स्त्रोत से आय शीर्षक में कर योग्य होगी।
पेंशन फंड
करदाता स्वयं के नाम से एलआईसी या अन्य
बीमा कंपनी के पेंशन फंड में निवेश कर
अधिकतम 1.50 लाख तक की छूट ले सकता
है। धारा 80सीसीसी
राजीव गांधी इक्विटी बचत योजना
ऐसे करदाता जिनकी सकल कुल आय 12 लाख
से अधिक नहीं है वे सूचीबद्ध इक्विटी शेयर
का इक्विटी ओरिएन्टेड म्यूचल फंड में निवेश
कर निवेश राषि के 50 प्रतिषत के बरावर
अधिकतम 25000 तक की छूट ले सकते है।
पहली बार निवेश से शुरू होने वाले तीन
निर्धारण वर्षों के लिये ही प्राप्त होगी।
निवेश का लाक इन पीरियड तीन वर्ष होगा
तथा शर्तों का उल्लंघन होने पर राशि को
उस वर्ष में करदाता की आय में शामिल
किया जावेगा जिसमें उल्लघंन हुआ है।
नवीन पेंशन योजना
1.1.2004 के पश्चात नियुक्त कार्मिकों के
द्वारा पेंशन योजना में निवेश करने पर
कर्मचारी एवं नियोक्ता दोनों के अंशदान
की छूट प्राप्त होगी लेकिन ये वेतन के
अधिकतम 10 प्रतिशत की सीमा में होगी।
धारा 80सी 80सीसीसी 80सीसीडी 1
तीनों मिलाकर छूट 1.5 लाख रूपये से अधिक
नहीं हो सकती है।
निर्धारण वर्ष 2016-17 से करदाता द्वारा
नवीन अंशदायी पेंशन योजना में 50000/- रूपये
की सीमा तक अतिरिक्त अंशदान राशि पर
कटौती स्वीकार होगी। यह राशि 80CCE
की 1.50 लाख रूपये की कटौती की
अधिकतम सीमा के अतिरिक्त होगी।
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धारा 80D TO 80U & TTA
धारा 80D
करदाता स्वयं, जीवनसाथी, आश्रित बच्चों
एवं माता-पिता हेतु ली गई मेडिक्लेम
पाॅलिसी के भुगतान हेतु आयकर में छूट प्राप्त
कर सकता है। छूट की राशि स्वयं/
जीवनसाथी/बच्चों हेतु 25000/- माता-
पिता हेतु 25000/- अतिरिक्त एवं सीनियर
सिटीजन की स्थिति में 30000/- होगी।
धारा 80DD
आश्रित विकलांग की चिकित्सा,
प्रशिक्षण या पुनर्वास के खर्च करने अथवा
आश्रित विकलांग की देखभाल हेतु किसी
बीमा कम्पनी की योजना में निवेश हेतु छूट
प्राप्त है। इसके तहत् 75000/- की छूट देय है
तथा यदि विकलांगता 80 प्रतिशत से
अधिक है तो छूट 125000/- होगी।
धारा 80DDB
स्वयं या आश्रित की बीमारी (1.
Neurologicical diseases 2. Cancer 3. AIDS
4. Chronic Renel Failure 5. Hemophilia
6. Thalassaemia) पर किया व्यय 40000
रूपये या वास्तविक व्यय जो कम होगा छूट
योग्य है। सीनियर सिटीजन हतु 60000/- रूपये
एवं सुपर सीनियर सिटीजन हेतु 80000/- या
वास्तविक खर्च की राशि जो भी कम हो
की छूट देय है।
धारा 80E
यदि करदाता स्वयं, अपने जीवनसाथी अथवा
बच्चों की उच्च शिक्षा ( कक्षा 12वीं के
बाद जारी रहने वाली सभी प्रकार की
शिक्षा को उच्च शिक्षा माना गया है) हेतु
लिये गए ऋण पर चुकाये गये ब्याज की छूट
प्राप्त होगी।
धारा 80G
करदाता अपनी सकल आय के 10% की सीमा
तक दान राशि की छूट प्राप्त कर सकता है।
कुछ संस्थाओं को दिये गये दान की छूट
शतप्रतिशत प्राप्त होगी तथा कुछ में दान
की 50% राशि की छूट प्राप्त होगी।
धारा 80U
यदि करदाता स्वयं अंधापन, कम दिखाई देना,
बहरापन, पागलपन, दिमागी बीमारी, कुष्ठ
रोग से ग्रसित विकलांग व्यक्ति है तो उसे
सम्बन्धित प्राधिकृत अधिकारी द्वारा
जारी विकलांगता प्रमाण पत्र रिटर्न के
साथ दाखित करने कर छूट का लाभ देय
होगा। इसके तहत् 40 से 80 प्रतिशत
विकलांगता है तो 75000/- तथा 80% से
अधिक विकलांग है तो 125000/- की छूट देय
होगी। यदि करदाता द्वारा धारा 80DD में
छूट ली गई है तो ये छूट प्राप्त नहीं होगी।
धारा TTA
करदाता को बैंक, बैंक का व्यवसाय करने
वाली सहकारी समिति या डाकघर द्वारा
बचत खाते पर दिया गया ब्याज 10000 की
सीमा तक छूट योग्य है।
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आयकर की गणना
राउन्ड-आॅफ - इस प्रकार सकल आय में धारा
80C से 80U तक की छूट प्राप्त करने के बाद
कर योग्य राशि को दस के गुणक में राउन्ड-
आॅफ कर प्राप्त कुल आय से आयकर की गणना
की जावेगी।
धारा 87A की छूट - कम आय वाले
करदाताओं को छूट देने के उद्देश्य से ऐसे
करदाता जिनकी कुल आय 5 लाख रू से
अधिक नहीं है उन्हे आयकर में अधिकतम 2000
छूट का प्रावधान है।
अधिभार - कुल आय पर देय आयकर की गणना
से 87ए की छूट के पश्चात आयकर राशि पर
निम्न अधिभार देय होगा।
शिक्षा अधिभार - आयकर के योग पर 2
प्रतिशत
सैकण्डरी एवं उच्च शिक्षा अधिभाग -
आयकर के योग पर 1 प्रतिशत
आयकर की दर - INOME TAX SLAB FOR
ASSESSMENT YEAR 2016-17
COMMON TAXPAYER SENIOR CITIZEN
VERY SENIOR CITIZEN
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INCOME TAX SLAB TAX INCOME TAX
SLAB TAX INCOME TAX SLAB TAX
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UPTO 2.5 LAC -- UPTO 3 LAC -- UPTO 5
LAC --
2.5 TO 5 LAC 10% 3 TO 5 LAC 10% 5 TO
10 LAC 20%
5 TO 10 LAC 20% 5 TO 10 LAC 20%
MORE THAN 20 LAC 30%
MORE THAN 10 LAC 30% MORE THAN 10
LAC 30% --- --
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विशेष:- स्त्री एवं पुरूष के स्लेब में कोई अंतर
नहीं है।
सूचना : आयकर सम्बन्धी उपरोक्त सामग्री
आपको केवल सामान्य जानकारी हेतु उपलब्ध
कराई जा रही है, इसलिये आप कोई भी
निर्णय लेने से पहले अपने प्रमाणित कर
सलाहकार की राय अवश्य लेवें ।

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