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कुछ लोगों को यह भ्रम है कि बेसिक शिक्षा परिषद तथा बेसिक शिक्षा विभाग एक ही चीज है। दरअसल दोनों ही भिन्न हैं। बेसिक शिक्षा विभाग जहाँ शासन का एक विभाग है वहां ही परिषद एक स्वतन्त्र संस्था है जो कि राज्य क़ानून के अंतर्गत गठित हुई है। इसको समझने के लिए निम्न तथ्यों पर गौर किया जाना चाहिए :
✒ उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद (बोर्ड) का गठन उत्तर प्रदेश बेसिक एजुकेशन एक्ट, 1972 के सेक्शन 3(1) के द्वारा हुआ है।
✒ 1972 से पूर्व प्राथमिक शिक्षा की जिम्मेदारी उत्तर प्रदेश प्राइमरी एजुकेशन एक्ट 1919 तथा उत्तर प्रदेश डिस्ट्रिक्ट बोर्ड्स प्राइमरी एजुकेशन एक्ट, 1926 के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में जिला परिषदों व शहरी क्षेत्रों में नगर पालिकाओं व महापालिकाओं के हाथ में थी, जो कि अपना कार्य उचित प्रकार नहीं कर रहे थे जिस कारण प्राथमिक शिक्षा व विद्यालयों की स्थिति बदतर थी।
✒ उपरोक्त कारण से बेसिक एजुकेशन एक्ट, 1972 के द्वारा राज्य सरकार ने शैक्षिक सत्र 1972-73 से उत्तर प्रदेश की प्राथमिक शिक्षा का नियंत्रण परिषद के माध्यम से अपने हाथ में ले लिया।
✒ शिक्षा निदेशक (बेसिक) श्री दिनेश बाबू शर्मा तथा बेसिक शिक्षा सचिव श्री संजय सिन्हा, उक्त एक्ट के सेक्शन 3(3) के तहत राज्य सरकार द्वारा नियुक्त किये गए हैं।
✒ परिषद की शक्तियां उक्त एक्ट के सेक्शन 4 में दी गई हैं तथा सेक्शन 13 राज्य सरकार को परिषद को उक्त एक्ट के अंतर्गत आदेश/निर्देश जारी करने की शक्ति देता है।
✒ वहां ही बेसिक शिक्षा विभाग उत्तर प्रदेश सरकार/शासन का एक विभाग है जो कि बेसिक शिक्षा के सम्बन्ध में समस्त कार्य देखता है व उन पर नियंत्रण रखता है।
✒ हालाँकि परिषद अपने आप में एक स्वतन्त्र कानूनी संस्था है परन्तु कई नियमों के द्वारा बेसिक शिक्षा परिषद को बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा नियंत्रित किया जाता है, तथा बेसिक शिक्षा परिषद उन आदेशों/निर्देशों को मानने हेतु बाध्य होती है, जैसे : बेसिक एजुकेशन एक्ट का सेक्शन 13
✒ बेसिक शिक्षा विभाग का वर्तमान आधारभूत ढांचा निम्न है :
1) बेसिक शिक्षा मंत्री
2) प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा
3) विशेष सचिव बेसिक शिक्षा
4) संयुक्त सचिव बेसिक शिक्षा
5) अनु सचिव बेसिक शिक्षा
6) अनुभाग अधिकारी
बेसिक शिक्षा के अंतर्गत विभिन्न अनुभाग :
1) शिक्षा अनुभाग 1
2) शिक्षा अनुभाग 2
3) शिक्षा अनुभाग 4
4) शिक्षा अनुभाग 5
5) शिक्षा अनुभाग 6
6) शिक्षा अनुभाग 7
7) शिक्षा अनुभाग 8
8) शिक्षा अनुभाग 11
9) शिक्षा अनुभाग 13
10) शिक्षा अनुभाग 14
☠ कुछ लोगों को यह भी गलतफहमी है कि परिषद द्वारा जारी आदेशों को भी शासनादेश कहा जाता है। शासनादेश का अर्थ होता है, शासन का आदेश अर्थात वह आदेश जिसको शासन द्वारा जारी किया गया हो। बेसिक शिक्षा विभाग शासन का हिस्सा है या स्वयं अपने आप में शासन है, वहां ही बेसिक शिक्षा परिषद एक अलग संस्था है जिसका कार्य उत्तर प्रदेश की बेसिक शिक्षा का उत्थान करना है। हालाँकि व्यवहारिक रूप से शासन यानी कि विभाग का पूर्ण नियंत्रण परिषद पर है परन्तु कानूनी रूप से परिषद एक भिन्न संस्था है। परिषद अपने नाम से मुकदमा लड़ भी सकती है व उस पर मुकदमा किया भी जा सकता है। कानूनी रूप से परिषद शासन नहीं है अतः विभाग द्वारा जारी आदेश शासनादेश की संज्ञा पाते हैं जबकि परिषद शासन का हिस्सा न होने के कारण शासनादेश नहीं जारी कर सकती है अथवा सरल शब्दों में कहूँ तो परिषद द्वारा जारी आदेशों को शासनादेश नहीं कहा जा सकता है।

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